Monday, December 1, 2008

आओ इस्तीफ़ा-इस्तीफ़ा खेलें २

मुम्बई में हुए आंतकी हमले के बाद शुरु हुए इस्तीफे का खेल अभी भी जारी है। कोई नेता नैतिक जिम्मेदारी और कोई अचानक आई अन्तरात्मा की आवाज की दुहाई देकर इस्तीफा दे रहा है।
रविवार को दिए गए केन्द्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल के इस्तीफ़े के बाद मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और गृह राज्य मंत्री आर.आर.पाटिल पर इस्तीफ़े के लिए लगातार दबाव बना हुआ था। अन्तत: आर.आर.पाटिल ने शरद पवार के साथ हुई मीटिंग के बाद अपने इस्तीफ़े की घोषणा कर दी। उप-मुख्यमंत्री पद के लिए दिलीप पाटिल और जयंत पाटिल के नामों पर विचार चल रहा है। गौरतलब है कि आर.आर.पाटिल महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री भी थे।
मुख्यमंत्री विलासराव के द्वारा ताज दौरे के दौरान अपने एक्टर बेटे रितेश देशमुख और निर्माता राम गोपाल वर्मा को ले जा कर अपने खिलाफ़ बढ़ रहे विरोध को हवा दे दी। विलास राव देशमुख पर पहले ही म.न.से.(MNS) और राज ठाकरे के खिलाफ़ नरम रुख अपनाए जाने पर सवालिया निशान लगते रहे हैं। और अब इस मुम्बई आंतकी हमले ने उनके निकास पर मुहर लगा दी। विलास राव देशमुख के पद्च्युत होने के बाद उनके उत्तराधिकारी का निर्वाचन होना अभी बाकी है। अभी सुशील कुमार शिंदे, पृथ्वीराज चौहान, अशोक चण्वाह और नारायण राणे के नामों पर विचार चल रहा है। जिसका फ़ैसला मंगलवार शाम तक आने की उम्मीद है।
किसी ठोस और कड़े कदम की उम्मीद लिए बैठी जनता को केवल इस्तीफ़ों और झूठे वादों से बहलाने में लगे नेताओं के अब समझ लेना चाहिए कि अब और नहीं!
बस! ये इस्तीफ़ों का खेल और नहीं।

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